महासागर



प्रशांत महासागर :- 

यह अपने संलग्न समुद्रों के साथ धरातल का 1/3 भाग ढकता है ।

इसका क्षेत्रफल 16 ,57,23 ,740 वर्ग किलोमीटर है । इसकी आकृति त्रिभुजाकार एवं क्षेत्रफल संपूर्ण स्थल के क्षेत्रफल से अधिक है

इसके शिर्ष बेरिंग जलडमरूमध्य पर तथा आधार अंटार्कटिका महाद्वीप पर है। भूमध्य रेखा पर इसकी लंबाई 16000 किलोमीटर से भी अधिक है ।

इसके पश्चिम में एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, पूर्व में उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका तथा दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप है ।

प्रवाल - भित्तियां प्रशांत महासागर की प्रमुख विशेषता है । इस विशाल महासागर में कुल मिलाकर 2000 से भी अधिक दीप है । 

प्रशांत महासागर का अधिकांश तटवर्तीय सागर पश्चिम भाग में है । इनमें बेरिंग सागर , अखोतस्क सागर , जापान सागर , पीत सागर एवं पूर्वी चीन सागर आदि महत्वपूर्ण है । 

पूर्व की ओर केवल कैलिफोर्निया की खाड़ी ही प्रसिद्ध है । इसके बेसिन की औसत गहराई 7,300 मीटर है।


अटलांटिक महासागर

यह संपूर्ण संसार का छठा भाग है। इसका क्षेत्रफल 8,29,63,800 वर्ग किलोमीटर है ,जो प्रशांत महासागर के लगभग आधा है और संसार के क्षेत्रफल का लगभग 16 % है । 

इसकी आकृति अंग्रेजी के S- आकार से मिलती - जुलती है । 

इसके पश्चिम में दोनों अमेरिका तथा पूर्व में यूरोप और अफ्रीका ,दक्षिण में है अंटार्कटिका । उत्तर में ग्रीनलैंड हडसन की खाड़ी ,बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर मग्न तट पर स्थित है । 

इस महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता मध्य अटलांटिक कटक है । यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट दीप तक लगभग 14,000 किलोमीटर लंबा तथा 4,000 मीटर ऊंचा है ।

यह एक जलमग्न कटक है, तो भी इसकी अनेक चोटियां जल से ऊपर उठकर छोटे-छोटे दीपों का रूप धारण कर गई है । 

ओजोर्स का पाइको द्वीप तथा केप बर्द द्वीप इसके प्रमुख उदाहरण है। 

सबसे तीखी चोटी भू-मध्य रेखा के निकट सेंट पाल नामक दीप समूह की है । 

दक्षिणी अटलांटिक महासागर में बरमूडा प्रवाल दीप एवं असेंसन, ट्रिसता दी कान्हा ,सेंट हेलेना, गुआ तथा बोवेट दीप ज्वालामुखी दीप है ।

यह महासागर 55° उत्तरी अक्षांश के पास अधिक चौड़ा हो जाता है।

जहां इसे टेलीग्राफ पठार के नाम से पुकारा जाता है । 

भूमध्य रेखा के निकट रोमांस गंभीर इसे दो भागों में बांटता है । 

उत्तरी भाग डालफिन तथा दक्षिणी भाग का नाम चैलेंजर कटक है। 

अटलांटिक महासागर के तटों के साथ बेफिन की खाड़ी , हडसन की खाड़ी,उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर ,मेक्सिको की खाड़ी, भूमध्य सागर तथा कैरिबियन सागर महत्वपूर्ण सागर है।

हिंद महासागर :-  

इसके उत्तर में एशिया महाद्वीप , दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप ,पूर्व में आस्ट्रेलिया महाद्वीप तथा पश्चिम में अफ्रीका महाद्वीप है । 

यह एक अर्द्धमहासागर है । इसका कुल क्षेत्रफल 7,34,25 ,500 वर्ग किलोमीटर है । 

यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है । 

कर्क रेखा किस महासागर की उत्तरी सीमा है। इसमें भारत के दक्षिणी पश्चिमी तट के समीप लक्ष्यदीप तथा मालद्वीप प्रवाल दीपो के उदाहरण हैं । 

मारीशस और रीयूनियन ज्वालामुखी प्रक्रिया से उत्पन्न द्वीप है । 

इस महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है । 

मेडागास्कर के पूर्व में मारीशस  दीप स्थित है । 

इस महासागर में वास्तविक तटवर्ती सागर दो ही हैं । वे हैं - लाल सागर और फारस की खाड़ी। 

अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी की गणना भी सागरो में ही की जाती है , लेकिन ये हिंद महासागर के उत्तरी विस्तार मात्र ही है ।

डियागो गार्सिया द्वीप इसी महासागर में है।

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