समय का निर्धारण , अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा



समय का निर्धारण:- एक देशांतर का अंतर होने पर समय में 4 मिनट का अंतर होता है ।चूँकि पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है। फलतः  पूरब की ओर बढ़ने पर प्रत्येक देशांतर पर समय 4 मिनट बढ़ता जाता है तथा पश्चिम जाने पर प्रत्येक देशांतर पर समय 4मिनट घटता जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा :- 180° देशांतर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं ।

1884 ईसवी में वाशिंगटन में संपन्न इंटरनेशनल मेरिडियन कॉन्फ्रेंस में 180 वे याम्योत्तर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि विभिन्न देशों के मध्य यात्रियों को कुछ स्थानों पर 1 दिन का अंतर होने के कारण परेशानी ना हो। 

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा आर्कटिक सागर, चुकी सागर, बेरिंग स्ट्रेटप्रशांत महासागर से गुजरती है । 

ग्रीनविच मेरिडियन से गणना करते हुए इस रेखा (180 याम्योत्तर) के पूर्व क्षेत्र एक दिन आगे होंगे या दूसरे शब्दों में इस रेखा से पश्चिम वाले क्षेत्रों से 12 घंटे आगे होंगे। अर्थात अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में 1 दिन का अंतर पाया जाता है। 

0° से 180° डिग्री पूर्व की ओर जाने पर 12 घंटे की अवधि लगती है एवं यह ग्रीनविच समय से 12 घंटे आगे होता है। इसी प्रकार 0° से 180° पश्चिम की ओर जाने पर ग्रीनविच समय से 12 घंटे का समय मिलता है। यही कारण है कि 180° पूर्व एवं पश्चिम देशांतर में कुल 24 घंटे अर्थात 1 दिन-रात का अंतर होता है।

जब कोई जलयान अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार कर पश्चिम दिशा में यात्रा करता है तो 1 दिन जोड़ दिया जाता है एवं जब पूर्व दिशा में यात्रा करता है तो 1 दिन घटा दिया जाता है।

साइबेरिया को विभाजित होने से बचाने एवं साइबेरिया को अलास्का से अलग करने के लिए 75°उत्तरी अक्षांश पर यह पूर्व की ओर मोड़ी गयी है। बेरिंग सागर में यह रेखा पश्चिम की ओर मोड़ी गयी। फिजी द्वीप समूह एवं न्यूजीलैंड के विभिन्न भागों को एक साथ रखने के लिए यह रेखा दक्षिणी प्रशांत महासागर में पूर्व दिशा की ओर मोड़ी गई है।

नोट:- बेरिंग जलसंधि अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के समानांतर स्थित है।

समय जोन व मानक समय :-  विश्व को 24 समय जोन में विभाजित किया गया है। 

इन समय जोनों को ग्रीनविच मीन टाइम व मानक समय में 1 घंटे के अंतराल के आधार पर विभाजित किया गया है अर्थात प्रत्येक जोन 15° के बराबर होता है । ग्रीनविच याम्योत्तर 0° देशांतर पर है जो कि ग्रीनलैंड व नर्वोनियन सागर व ब्रिटेन ,स्पेन ,अल्जीरिया ,फ्रांस ,माले ,बुर्किनाफासो ,घाना व दक्षिणी अटलांटिक समुद्र से गुजरता है।

प्रत्येक देश का मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से आधा घंटे के गुणक के अंतर पर निर्धारित किया जाता है। 

मानक समय स्वेछा से  चयनित याम्योत्तर का स्थानीय समय होता है जो एक विशिष्ट क्षेत्र या देश के लिए मानक समय निर्धारित करता है।

भारत में 820 30’ पूर्वी देशांतर जो इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरती है, के समय को मानक समय माना गया है। यह समय ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5:30 घंटा आगे है। अतः जब ग्रीनविच में दोपहर के 12 बजे हो तो उस समय भारत में शाम के 5:30 बजेंगे।

नोट:- कुछ देशों में अत्यधिक देशांतरीय विस्तार के कारण एक से अधिक मानक समय की व्यवस्था की गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका में 7 समय ज़ोन ,रूस में 11 समय जोन तथा आस्ट्रेलिया में 3 समय जोन की व्यवस्था की गई है।

विषुवत रेखा :-  पृथ्वी की मध्य सतह से होकर जाने वाली अक्षांश रेखा है जो उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव से बराबर दूरी पर होती है। 

यह शून्य अंश की अक्षांश रेखा है । 

विषुवत रेखा के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं।

कटिबंध :- प्रत्येक गोलार्द्ध को ताप के आधार पर कई भागों में बांटा गया है इन भागों को कटिबंध कहते हैं यह निम्न है -

उष्ण कटिबंध:- विषुवत रेखा से 30° उत्तर एवं 30 डिग्री दक्षिण का भाग यह वर्ष में दो बार सूर्य शिर्ष पर चमकता है। इस भाग का मौसम सदैव गर्म रहता है ।

उपोषण कटिबंध:- 30°से 45° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों के बीच स्थित क्षेत्र जहां कुछ महीने ताप अधिक और कुछ महीने ताप कम रहता है।

शीतोष्ण कटिबंध :- 45° से 66° उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों के बीच का क्षेत्र । यहां सूर्य सिर के ऊपर कभी नहीं चमकता है, बल्कि उसकी किरणे तिरछी  होती है। अतः यहां ताप हमेशा कम रहता है।

ध्रुवीय कटिबंध:- 66° से 90° के मध्य स्थित क्षेत्र जहां ताप अत्यंत ही काम रहता है, जिसके फलस्वरुप वहां हमेशा बर्फ जमी रहती है।

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