सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण



सूर्य ग्रहण


➤ जब कभी दिन के समय सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ने लगती है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं । 

जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है, तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण और जब पूरा सूर्य ही कुछ क्षणों के लिए छिप जाता है, तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं। 

पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।


चंद्र ग्रहण



जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है। इसे चंद्रग्रहण कहते है। 

चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात्रि में ही होता है। प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं होता है क्योंकि चंद्रमा और पृथ्वी के कक्षा पथ में 5 ° का अंतर होता है जिसके कारण चंद्रमा कभी पृथ्वी के ऊपर से या नीचे से गुजर जाता है ।

1 वर्ष में अधिकतम 3 बार पृथ्वी के उपछाया क्षेत्र से चंद्रमा गुजरता है तभी चंद्रग्रहण लगता है ।

सूर्यग्रहण के समान चंद्रग्रहण भी आंशिक अथवा पूर्ण हो सकता है।

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