ज्वालामुखी




➤ ज्वालामुखी, भूपटल पर वह प्राकृतिक छेद या दरार है, जिससे होकर पृथ्वी का पिघला पदार्थ लावा ,राख, भाप तथा अन्य गैस बाहर निकलती है।

बाहर हवा में उड़ा हुआ लावा शीघ्र ही ठंडा होकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल जाता है ,जिसे सीडर कहते हैं। उदगार में निकलने वाली गैसों में वाष्प का प्रतिशत सर्वाधिक होता है।

उदगार अवधि अनुसार ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं ।

  •  सक्रिय ज्वालामुखी
  • प्रसुप्त ज्वालामुखी
  • मृत या शांत ज्वालामुखी।


सक्रिय ज्वालामुखी :- इस में अक्सर उद्गार होता है। वर्तमान समय में विश्व में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या 500 है। 

इनमें प्रमुख हैं, इटली का एटना तथा स्ट्रांबोलीमेक्सिको (उत्तरी अमेरिका) में स्थित कोलिमा ज्वालामुखी बहुत ही सक्रिय ज्वालामुखी है इसमें 40 बार से अधिक बार उद्गार हो चुका है।

स्ट्रांबोली भूमध्य सागर में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर अवस्थित है। इसमें सदा प्रज्वलित गैस  निकला करती है, जिससे आसपास का भाग प्रकाशित रहता है , इस कारण इस ज्वालामुखी को भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ कहते हैं

प्रसुप्त ज्वालामुखी :- जिसमे निकट अतीत में उदगार नहीं हुआ है। लेकिन इसमें कभी भी उदगार हो सकता है। इसके उदाहरण है - विसुवियस (भूमध्य सागर ), क्राकाटोआ (सुंडा जलडमरूमध्य), फ्यूजीयामा (जापान), मेंयन (फिलीपींस)।

शांत ज्वालामुखी :- वैसा ज्वालामुखी जिसमें ऐतिहासिक काल से कोई उद्गार नहीं हुआ है और जिसमें पुनः उद्गार होने की संभावना नहीं हो। इसके उदाहरण हैं - कोह सुल्तान एवं देवबंद (ईरान), पोपा (म्यांमार), किलिमंजारो (अफ्रीका), चिम्ब्राजो(दक्षिणी अमेरिका)।

कुल सक्रिय ज्वालामुखी का अधिकांश प्रशांत महासागर के तटीय भाग में पाया जाता है। प्रशांत महासागर के परीमेखला को अग्नि वलय भी कहते है।

सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी अमेरिका एवं एशिया महाद्वीप के तटों पर स्थित।

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में एक भी ज्वालामुखी नहीं है।

गेसर :- बहुत से ज्वालामुखी क्षेत्रों में उद्गार के समय दरारों तथा सुराखों से होकर जल तथा वाष्प कुछ अधिक ऊंचाई तक निकलने लगते हैं। इसे ही गेसर कहा जाता है। जैसे -ओल्ड फेथफुल गेसर, यह USA के  येलो स्टोन पार्क में है। इसमें प्रत्येक मिनट उद्गार होता रहता है।

धुंवारे :- ज्वालामुखी  के अंतिम अवस्था के प्रतीक है इनसे गैस व जल वाष्प निकला करते हैं गंधक युक्त धुँवारे को सेल्फतारा कहा जाता है। आलस्का के कटवाई पर्वत को हजारों धुँवारो की घाटी कहा जाता है। ईरान का कोह सुल्तान तथा न्यूजीलैंड की प्लेंटी की खाड़ी में स्थित हवाई द्वीप का द्वारा भी प्रसिद्ध है

विश्व का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी (इक्वाडोर) है, जिसकी ऊंचाई 19,613 फीट है।

विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी ओजस डेल सलाडो एंडीज पर्वतमाला में अर्जेंटीना -चिली देश के सीमा पर स्थित है।

विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित शांत ज्वालामुखी एकांकागुआ एंडीज पर्वतमाला पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई 6907 मीटर है।

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