जलमंडल

➤ संपूर्ण पृथ्वी का 3/4 भाग लगभग 71% पर जल मंडल का विस्तार है। 

 उत्तरी गोलार्ध का 60.7% और दक्षिणी गोलार्ध का 80.9% भाग महासागरों से ढका है। 

पृथ्वी पर उपस्थित जल की कुल मात्रा का 97.5% जल महासागरों में है जो खारा है जल राशि का मात्र 2.5% भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है। 


महासागरीय जल के दो महत्वपूर्ण गुण हैं तापमान एवं लवणता। 

जलमंडल का वह बड़ा भाग जिसकी कोई निश्चित सीमा ना हो महासागर कहलाता है सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है।

महासागरों की औसत गहराई 3800 मीटर तथा स्थल की औसत ऊंचाई 840 मीटर होती है। स्थल की ऊंचाई तथा महासागरों की गहराई को उच्चतमित्तीय वक्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

समुद्र :- जलमंडल का बहुत बड़ा भाग, जो तीन तरफ से जल से घिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो समुद्र कहलाता है।

खाड़ी :- समुद्र का स्थलीय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है उसे खाड़ी कहते हैं।

Bay :- इसका दो किनारा स्थल से घिरा होता है , एक तरफ टापूओ का समूह होता है और दूसरी तरफ का मुहाना समुद्र से मिला होता है।

सामान्यता महासागरीय जल का तापमान लगभग 5℃से 33℃  के बीच रहता है।

आकार में अंतर के कारण अटलांटिक महासागर में वार्षिक तापांतर प्रशांत महासागर अपेक्षा अधिक होता है।

उत्तरी गोलार्ध में दक्षिणी गोलार्ध की तुलना में तापांतर अधिक होता है।

लवणता को प्रति हजार  में व्यक्त करते है, समुद्री जल की औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार होती है।

समान खारेपन वाले स्थान को मिलाकर खींची गई रेखा को समलवण रेखा कहते हैं।

24°- 40°उत्तरी अक्षांश और 10° - 30° दक्षिणी अक्षांशो के मध्य सबसे अधिक लवणता पाई जाती है।

तुर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक (330%) है। दूसरा स्थान मृत सागर( 238%)है।

गाई आट :- सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वतों को  गाई आट कहते हैं।

प्रशांत महासागर में गुआम द्वीप के समीप स्थित मेरियाना गर्त सबसे गहरा गर्त है इसकी गहराई लगभग 11 किलोमीटर (11022 मीटर) है इसे चैलेंजर गर्त भी कहते हैं।

शोल :- जलमग्न उत्थान का वह भाग जहां जल की गहराई छिछली होती है , शोल कहलाता है या प्रवाल से बना नहीं होता है।

ग्रेट बैरियर रीफ :- ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के समीप संसार की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति है । यह प्रशांत महासागर में है

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