पृथ्वी (Earth)
➤ यह आकर में पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है।
➤ सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन है।
➤ इसका विषुवतीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है।
➤ पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 डिग्री 30 मिनट डिग्री झुकी हुई है ।
➤ यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किलोमीटर/घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते हैं । इस गति से दिन-रात होते है।
➤ पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड (लगभग 365 दिन 6 घंटे ) का समय लगता है । सूर्य के चतुर्दिक पृथ्वी के इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण कहते हैं । पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है। प्रत्येक सौर वर्ष ,कैलेंडर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है, जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है। लीप वर्ष 366 दिन का होता है, जिसके कारण फरवरी माह में 28 के स्थान पर 29 दिन होते है।
➤ पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन, इसकी अक्ष पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानी वार्षिक गति के कारण होती है।
➤ वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन -रात, छोटा- बड़ा होता है।
➤ वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन -रात, छोटा- बड़ा होता है।
➤ आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।
➤ जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
➤ इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5 डिग्री का कोण बनाता है।
➤ सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी है , जो अल्फा सेन्चुरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
➤ पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है।
नोट:- 24 अगस्त ,2006 को अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आइए यू) की प्राग (चेक गणराज्य) बैठक में खगोल विज्ञानियों ने प्लूटो का ग्रह होने का दर्जा खत्म कर दिया क्योंकि इसकी कक्षा वृत्ताकार नहीं है और यह वरुण ग्रह की कक्षा से होकर गुजरती है । नई खगोलीय व्यवस्था में प्लूटो को बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है । यह सूर्य का निकटतम तारा है।
➤ साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी के 9 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है एवं सूर्य से दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है । यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है।
➤ साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी के 9 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है एवं सूर्य से दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है । यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है।
चंद्रमा (Moon)
➤ चंद्रमा की सतह और उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान सेलेनोलॉजी कहलाता है।
➤ इस पर धूल के मैदान को शांति सागर कहते है । यह चंद्रमा का पिछला भाग है,जो अंधकारमय होता है।
➤ चंद्रमा का उच्चतम पर्वत लिबनिटीज पर्वत है, जो 35000 फुट (10,668 मी०) उच्चा है। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित है ।
➤ चंद्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है।
➤ चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है । यही कारण है कि चंद्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है । पृथ्वी से चंद्रमा का 57% भाग को देख सकते है।
➤ चंद्रमा का अक्ष तल पृथ्वी के अक्ष के साथ 58.48 डिग्री का कोण बनाता है ।
➤ चंद्रमा पृथ्वी के अक्ष के लगभग समानांतर है।
➤ चंद्रमा पृथ्वी के अक्ष के लगभग समानांतर है।
➤ चंद्रमा का व्यास 3,480 किमी तथा द्रव्यमान ,पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/81 है।
➤ पृथ्वी के समान इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घवृताकार है।
➤ सूर्य के संदर्भ में चंद्रमा की परिक्रमा की अवधि 29.53 दिन (29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 2.8 सेकंड) होती है। इस समय को एक चंद्रमास या साइनोडीक मास कहते है।
➤ नाक्षत्र समय के दृष्टिकोण से चंद्रमा लगभग( 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट और 11.6 सेकंड) में पुनः उसी स्थिति में होता है । दिन की अवधि एक नाक्षत्र मास कहलाती है।
➤ ज्वार उठने के लिए अपेक्षित सौर एवं चंद्रमा की शक्तियों का अनुपात 11: 5 है।
➤ अपोलो की अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए चट्टानों से पता चला है कि चंद्रमा भी उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी (लगभग 407 करोड वर्ष)। इसकी चट्टानों में टाइटेनियम की मात्रा अत्यधिक मात्रा में पाई गयी है।
➤ सुपर मून:- जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, तो उस स्थिति को सुपरमून कहते है। इसे पेरिजी फूल मून भी कहते हैं । इसमें चांद 14% ज्यादा बड़ा तथा 30% अधिक चमकीला दिखाई पड़ता है।
नोट:- चंद्रमा एवं पृथ्वी के बीच की औसतन दूरी 3,84,365 किमी है।
➤ ब्लू मून :- एक कलेंडर माह में जब दो पुर्णिमा हो तो दूसरी पूर्णिमा का चांद ब्लू मून कहलाता है। वस्तुतः इसका मुख्य कारण दो पूर्णिमा के बीच अंतराल 31 दिनों से कम होना है। ऐसा हर दो-तीन साल पर होता है। अगस्त 2012 में दो पूर्णिमा (2 व 31अगस्त) देखे गए। इनमें से 31अगस्त, 2012 के पूर्णिमा को ब्लू मून कहा गया। जब किसी वर्ष विशेष मे दो या अधिक माह ब्लू मून के होते है, मून ईयर कहा जाता है। वर्ष 2018 ब्लू मून ईयर होगा।